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Wednesday, March 2, 2022

“बराबरी“


गणतंत्र दिवस की तैयारियाँ चल रही हैं लगभग दस स्कूलों 

के जूनियर और सीनियर ग्रुपस, परेड, पी.टी और रंगारंग    सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अपने अपने शिक्षकों के साथ 

शहर के देश-विदेश में मशहूर महाविद्यालय के ग्राउंड में 

सुबह से एकत्रित हैं । शिक्षा-निदेशक रिटायर्ड ब्रिगेडियर हैं तो परफेक्शन के साथ डिसीप्लीन भी बनता ही है ।

                   सर्द हवाओं के साथ धूप के तीखेपन और बार 

बार की प्रैक्टिस से सब थके हैं और विशेषकर  लड़कियाँ  अपनी अपनी इंचार्ज से कुछ देर बैठने की अनुमति भी मांग रही है । तभी एक बार फिर मुख्य मंच से पुनः परेड रिहर्सल की घोषणा के साथ ही  मुख्य लीडर की कमांड की आवाज के साथ पूरा मैदान मानो 

हरकत में आ जाता है । हर ग्रुप के लीडर के “सावधान” और 

“सेल्यूट” के साथ संबंधित इंचार्ज को भी अपने लिए सावधान 

का निर्देश सा लग रहा है ।

                        निरीक्षणकर्ताओं के समूह में लड़कियों की प्रिन्सीपल्स  के साथ ब्रिगेडियर महोदय बातचीत के साथ 

निरीक्षण करते हुए उनके सामने से गुजरते हैं ।

-“सर ! आपकी परमीशन हो तो इस रिहर्सल के बाद गर्ल्स को थोड़ा रेस्ट दे दें ..।”

- “हूं….,मगर बॉयस् के हेडस् को तो कोई प्रॉब्लम नहीं है ।”

एक दबी सी आवाज़  -  “सर ! उनके स्कूलों में लड़के हैं । 

    -“इन्हें बराबरी करनी है इन्हीं लड़कों से….” चलते हुए दृढ़ 

मगर धीमी आवाज़ में ब्रिगेडियर महोदय ने कहा ।

             “सावधान” लड़कियों की ग्रुप लीडर के कमांड की रोबीली आवाज़ के साथ ही पूरे समूह के जूतों की “ठ्क” की आवाज़ एक साथ  जोशीले अन्दाज़ में गूंजी । चलते समय

लड़कियों की प्रिन्सीपल की आँखों में गर्व और शिक्षा निदेशक महोदय की आँखों में सन्तोष का भाव था ।

                                      ***

22 comments:

  1. हूं….,मगर बॉयस् के हेडस् को तो कोई प्रॉब्लम नहीं है ।”

    एक दबी सी आवाज़ - “सर ! उनके स्कूलों में लड़के हैं ।

    -“इन्हें बराबरी करनी है इन्हीं लड़कों से….” चलते हुए दृढ़

    मगर धीमी आवाज़ में ब्रिगेडियर महोदय ने कहा... वाह! दी 👌...बड़े अच्छे होते है ये, लोग साफ़ सुथरी बातें करने वाले।
    गज़ब लिखा।

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    1. उत्साहवर्धन करती प्रशंसनीय प्रतिक्रिया के लिए हृदय से स्नेहिल आभार अनीता जी !

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    2. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति प्रिय मीना जी।बेटियों को इस तरह के पारदर्शी सोच के लोग ही आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।एक प्रेरक कथा के लिए बधाई और शुभकामनाएं 🌹🌹❤🙏

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    3. उत्साहवर्धन करती प्रशंसनीय प्रतिक्रिया के लिए हृदय से स्नेहिल आभार प्रिय रेणु जी 🙏🌹❤️🌹

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक चर्चा मंच पर चर्चा - 4358 में दिया जाएगा | चर्चा मंच पर आपकी उपस्थिति चर्चाकारों की हौसला अफजाई करेगी
    धन्यवाद
    दिलबाग

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    1. चर्चा मंच की चर्चा में सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार आ.दिलबागसिंह जी ।कल की चर्चा में उपस्थिति रहेगी 🙏

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 03 मार्च 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    1. “पांच लिंकों का आनन्द" में सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार आ. रवीन्द्र सिंह जी ।कल “पांच लिंकों का आनन्द" पर उपस्थिति रहेगी 🙏

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  4. बराबरी का नाम और जोश अव्वल. लगता है आगे निकलने का इरादा है.
    Welcome to my New post- धरती की नागरिक: श्वेता सिन्हा

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    1. आपका कथन फलीभूत हो , उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक
      आभार 🙏 . श्वेता जी की कविताओं में सदैव जीवन की समग्रता के दर्शन होते हैं ।आपने बहुत सुन्दर रचनाओं का चयन किया है । गहन समीक्षा के साथ लाजवाब प्रस्तुति ।

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  5. प्रेरक कहानी

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    1. उत्साहवर्धन करती प्रशंसनीय प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार अनीता जी 🙏

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  6. Replies
    1. हार्दिक आभार शिवम् जी ।

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  7. बहुत सुंदर और प्रेरक।

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    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार ज्योति
      जी ।

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  8. बहुत सुंदर भाव मीना जी जब बराबरी का अधिकार ,और समानता का दावा ही लक्ष्य है तो फिर युद्ध भी बराबर का लड़ना होगा।
    ब्रिगेडियर महोदय के कुछ शब्द पूर्ण दर्पण दिखाता सा ।
    बहुत सुंदर लघुकथा मीना जी।
    सस्नेह ‌

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    1. आपकी सराहना सम्पन्न सारगर्भित प्रतिक्रिया ने लघुकथा को सार्थकता प्रदान करती उत्साहवर्धक प्रशंसनीय प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार कुसुम जी ।
      सादर सस्नेह….।

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  9. Replies
    1. हार्दिक आभार मधुलिका जी !

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  10. Replies
    1. हार्दिक आभार मनोज जी !

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