पाँच साल पहले डोनट में चॉकलेट के साथ लगा कुछ क्रंची सा ..शायद ड्राइफ्रूट का कोई टुकड़ा उसके दाँत में घुसता चला गया और बाइट के साथ तारीफ करने की जगह मुँह इरीटेशन के
कारण खुला रह गया । हैल्थ प्रॉब्लम्स के चलते
हॉस्पिटलस् के आजू-बाजू जिन्दगी गुजारने के बाद भी पता नहीं क्यों वह डेंटिस्ट के पास जाने से डरती है शायद माँ याद
आ जाती है और उस याद के साथ ही उसकी सारी बहादुरी
भी उड़न छू हो जाती है । सो होम रेमीडिज़ ढूंढ़ी गई - क्लोव,
हींग, काली मिर्च और भी न जाने क्या-क्या.., हार कर
नये शहर में डेंटिस्ट ढूंढा गया । एक्सरे के बाद राय मिली
इसका 'रूट ट्रीटमेंट' सही रहेगा , कैविटी नसों तक पहुँच गई । डेंटिस्ट के यहां फ्लॉसिंग के बाद दर्द ठीक हो गया तो खुद की समझदारी ने सिर उठा लिया - 'फ्लॉसिंग किट ढूंढी गई
दिन में दो बार ब्रश करते तो हैं ..,अब फ्लॉसिंग भी किया
करेंगे । अब अपने आप को इतना समझदार समझने में बुराई
भी क्या है ?
पाँच साल बाद…, वही डॉक्टर.., वही बैंगलुरू का इंदिरा नगर
और वही वह …, बुखार और दर्द साथ लिए ।
ऑन लाइन वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बात बनती न देख फाइनली क्लीनिक की शरण लेनी पड़ी । तीन-चार घंटे में कभी ये डॉक्टर कभी वो डॉक्टर..ढेर सारे टेस्ट और चार-पाँच सीटिंगस्
का फैसला ।
पुरानी जगह को देख पुराना डर उसके सामने मुँह खोले खड़ा था जिस से डर कर उसने वैसे ही आँखें बंद कर रखी थी जैसे कबूतर बिल्ली को देख कर कर लेता है ।
***
क्या आपने अपना अनुभव बताया है मीना जी?
ReplyDeleteअपनी ही राम कहानी है जितेन्द्र जी !
ReplyDeleteकभी कभी हम अपने मन डर के कारण अपनी छोटी सी समस्या को नजरअंदाज करते है वही बाद में भयंकर समस्या बन कर मुँह बाये खड़ी हो जाती है तब पछतावा होता है कि काश तब नजरअंदाज न किया होता।
ReplyDeleteवैसे रूट कैनाल के बाद अब आपको आराम है ?
स्वास्थ्य संबंधी और परेशानियों के कारण रिकवरी में समय और sittings बढ़ गई सुधा जी! बहुत बहुत आभार आपकी स्नेहिल समझाइश हेतु ।
Deleteअपना ख्याल रखिएगा मीना जी!
Deleteस्वास्थ्य संबंधी समस्या सबसे बड़ी समस्या होती है,जिससे निकला बहुत ही मुश्किल और दर्द भरा होता है! कितनी रातें करवटें बदलते बीत जाती है!
ReplyDeleteमैम अपना ख्याल रखियेगा! स्वास्थ्य से बड़ कर कुछ नहीं!
डर के आगे जीत है 😊😄
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(२२-१०-२०२१) को
'शून्य का अर्थ'(चर्चा अंक-४२२५) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
अपना ख्याल रखे दीदी जी
ReplyDeleteअपना ख्याल रखिएगा
ReplyDeleteअब कैसे हैं मीना जी!
ReplyDeleteआप बीती को सार्थक लघु कथा का रूप दिया सहज प्रवाहमान।
सच कहा आपने ,अपने साथ बीते कुछ कष्टकारी हादसे भूलाए तो नहीं जाते और व्यक्ति उससे मिलती जुलती परिस्थितियों में बचने में लगा रहता है और अपना ज्यादा नुकसान कर बैठता है, फिर भी देर आए दुरुस्त आये।
आप जल्दी ही स्वास्थ्य लाभ करें यही शुभकामना है।
सस्नेह।
ईश्वर आपको स्वस्थ रखे
ReplyDeleteस्वास्थ्य संबंधी परेशानी में दर्द तो मिलता ही है, समय के साथ साथ अन्य परेशानियां आती हैं, आपने इस दर्द को भी एक लाजवाब कथा में पिरो दिया,एक सुंदर और उपयोगी सलाह की तरह । आप हमेशा स्वस्थ रहें,यही शुभकामनाएं हैं।
ReplyDeleteआप सबकी शुभ कामनाओं का जितना आभार व्यक्त करूं कम होगा । आप सबका हृदय की असीम गहराइयों से बहुत बहुत आभार 🙏🙏
ReplyDeleteThis is very intresting post and I can see the effort you have put to write this quality post. Thank you so much for sharing this article with us.
ReplyDeletefriendship quotes telugu
lusty Quotes