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Monday, August 23, 2021

"कटु यथार्थ"

"यहाँ पर तो एक फैमिली रहती थी पहले अभी तो बड़ी

सुनसान लग रही है यह हवेली ।" 

बहुत समय के बाद बाहर से लौटे अंशुमन ने अपने दोस्त समीर

से चाय पीते हुए पूछा । वैसे उसे याद तो 'एक फैमिली' की

इकलौती लड़की का नाम भी था और उसके पिता का नाम

भी मगर दोस्त और उसकी पत्नी के आगे बोलना नहीं

चाहता था ।

   "पता नही क्या झगड़ा था आपस में परिवार का…,एक दिन

सुबह -सुबह चीख-चिल्लाहट की आवाज़ें आईं । हम लोगों ने

छत से देखा तो  चार-पाँच आदमी सामान बाहर फेंकते दिखे

उसके बाद से यह हवेली बंद ही पड़ी है ।" अपने बच्चे को पत्नी

की गोद में देते हुए समीर ने जवाब दिया।

         "ऐसे-कैसे कोई किसी के साथ कर सकता है ?

तुमने खामोशी कैसे ओढ़ ली ?" घटनाक्रम जान कर अंशुमन

आवेश में आ गया ।सफाई देते हुए बड़ी गंभीरता से समीर

बोला- "देख सीधी सी बात है हम तो नये आए लोग हैं यहाँ..,,

पूरे मोहल्ले में सब घर बंद थे पता तो सभी को था मगर एक

भी बंदा बाहर नहीं निकला । बाद में सभी ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि आपस में भाई-भाई का झगड़ा था ।  पता

नहीं कल को वे एक हो जाएँ ,हमें क्यों टांग अड़ानी किसी के 

फटे में ।"

            हाथ की चाय का आखिरी घूंट अंशुमन को कड़वा 

लगा कटु यथार्थ जैसा ।

                               ***

Saturday, August 7, 2021

"टेढ़ी मुस्कुराहट"

सगाई समारोह की गहमागहमी में  सांवली सलोनी 

पीहू खुश थी अपनी मनपसन्द ड्रेस के साथ । 

आज की स्कूल से छुट्टी का वह पूरा फायदा उठाएगी अपनी पसन्दीदा आइसक्रीम खा कर । फिर से भूख लगेगी तो वही स्ट्राबेरी फ्लेवर वाली आइसक्रीम ही खाएगी मैन्यू देख कर उसने फैसला कर लिया था । 

"सुनो !" - अचानक अपने पीछे से आवाज सुन पीहू ने पलट कर देखा ।

-" वो अंकल जो सामने खड़े हैं उन्हें बोलो मैं बुला रहा हूँ उनको .., देखो धीरे से कहना कोई सुने नहीं ।"

"आपके हाथ में मोबाईल है ..आप बात क्यों नहीं कर लेते ।"

 हाजिर जवाब पीहू का मूड नहीं था संदेश वाहक बनने का।

कुछ देर इधर-उधर अपनी हमउम्र रिश्तेदार लड़कियों के साथ घूम कर वह अपनी फेवरिट आइसक्रीम के साथ इतेफ़ाक से  उसी जगह आ खड़ी हुई जहाँ वह परेशान लड़का उन्हीं अंकल के साथ सरगोशी भरी बहस में उलझ रहा था -   'आपने कहा था लड़की बहुत सुन्दर है बस रंग थोड़ा सा दबा है जोड़ी अच्छी लगेगी तुम दोनों की लेकिन यहाँ तो दिन-रात का अन्तर दिख रहा है..आप भी बस पापा ! मैं नहीं पहननाने वाला उसे अंगूठी ।'

- "चुप कर.., बहुत  दे रहे हैं वे । तुम दोनों को भी तो भेज रहे है  यू.एस.ए. … और क्या चाहिए ।" उनकी बहस सुन कर पीहू हट गई वहाँ से... 'बड़ों की बात नहीं सुननी चाहिए ।' यही सोच कर 

लेकिन मन परेशान हो गया सौम्या दीदी के लिए ...अगर कुछ गड़बड़ हो गई तो ? सोचते हुए उसने आइसक्रीम वही रख दी मेज पर ।

 थोड़ी देर बाद  बाद रिंग सेरेमनी आरम्भ हो गई ।

 मंत्रोच्चार के बीच सौम्या दीदी और वही परेशान लड़का मुस्कुराते हुए एक दूसरे को अंगूठी पहना रहे थे।मेहमान और मेज़बान  उत्साहित हो कर जोड़ी को सराह रहे थे-- लवली कपल.., मेड फॉर इच अदर…, लाखों में एक...,और बधाई लेने और देने का सिलसिला जारी हो गया । 

 पीहू  भी एक टेढ़ी मुस्कुराहट के साथ स्ट्राबेरी फ्लेवर की आइसक्रीम के स्टॉल की तरफ बढ़ गई ।



                                    ***