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Sunday, January 24, 2021

"गणतंत्र दिवस"

 स्कूल से घर आते बच्चों के  हर्षोल्लास में डूबे 

स्वर-"आज से ग्राउण्ड में जाना है “26 जनवरी" की तैयारी

के लिए"‎...उनका यह उद्घोष घर के बाकी सदस्यों को भी

जोश और उमंग भरे उनके

 स्कूली दिनों  की  याद दिला दिया करता था ।  बच्चों के

साथ वे भी अपने बालमन की स्मृतियों में डूब जाते ।

और फिर आता वह चिरप्रतीक्षित दिन - "26 जनवरी"

मुँह अंधेरे अपनी अपनी स्कूलों की तरफ लकदक करती

यूनिफॉर्म पहने भागते बच्चे उनके साथ पूरी सज-धज

के साथ अध्यापक-अध्यापिका वृन्द , रंग-बिरंगे परिधानों

से सजे लोगों की भीड़ भोर से पहले

ही गलियों को गुलज़ार कर देती । सभी का एक ही

लक्ष्य -  समय रहते उस बड़े से ग्राउण्ड में एकत्रित होना जहाँ गणतन्त्र दिवस के आयोजन को सम्पन्न‎ होना है।

  लाउडस्पीकरों पर बजते पुरानी फिल्मों के देशभक्ति गीत --

 (1)  मेरे देश की धरती………,

(2) अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन 

आज़ाद है …………,

(3)   ए मेरे वतन के लोगों‎…………., 

            ओस भरी सर्दियों में जोश और ओज बढ़ा कर रक्त‎

संचार‎ तीव्र कर देते थे । एक ही ग्राउण्ड पर पहले एक छात्रा

और फिर एक माँ के रूप में जिसका बच्चा भी उसी जगह

छात्र के रूप में सहभागी बने तो मेरे जैसी मांओं के गर्व का

भाव द्विगुणित हो जाना तो बनता ही था। बैण्ड की मधुर

स्वर लहरियों पर ध्वजारोहण पर बजता राष्ट्रगान,

परेड करते एन.सी.सी.कैडेट्स ..,स्कूली बच्चे..और विभिन्न

रंगारंग कार्य‎क्रम जिनकी प्रतीक्षा सबको साल भर रहती ..

उत्सव के समापन के साथ मंत्रमुग्ध

करती छवियां आँखों‎ में भरे भीड़ मानो अगले वर्ष की सर्दियों

तक उन्हीं पलों के लिए प्रतीक्षा‎रत रहती । 

                  बदलते समय के साथ जाने क्यों शिक्षा के

उर्ध्वमुखी समाज में जीते हम लोग कई बार स्वतन्त्रता‎ दिवस

और गणतन्त्र दिवस में भेद करना भूल‎ जाते हैं‎ । बीस वर्ष पूर्व

  क्या‎ बच्चे और क्या बड़े ? साक्षर हो या निरक्षर हर व्यक्ति‎ को जुबानी याद था--

स्वतन्त्रता दिवस --"देश को आजादी मिली थी 

इस दिन, अंग्रेज भारत छोड़ कर अपने देश चले गये थे ।”

गणतन्त्र दिवस --"ये भी नही पता..,इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था ।”

और  संविधान ?

संविधान--"लिखित और अलिखित परम्परा‎ओं और कानूनों

का वह संकलन, जिससे किसी भी देश का राज-काज

(शासन) चलता हो ।”

                         हम सब इस बार हमारा 72 वां गणतन्त्र

दिवस मना रहे हैं बड़े हर्ष और गर्व का विषय है यह हमारे

लिए‎  मगर  एक सवाल‎ उठता है मन में कि क्या अब भी

पुराने लोगों की तरह जोश और जुनून के साथ हमारे

नौनिहालों में हमारे राष्ट्रीय पर्वो के लिए‎ उत्सुकता का भाव है ? अगर नही में उत्तर मिलता है तो कारण खोजने के साथ समस्या

का समाधान‎ खोजने का उत्तरदायित्व भी हम सबका है । 

--

आप सबको गणतन्त्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभ‎कामनाएँ 🙏🌹🙏

जय हिन्द !!!  जय भारत !!!


【चित्र-गूगल से साभार】


25 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार २६ जनवरी २०२१ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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    1. पाँच लिंकों का आनन्द पर सृजन को साझा करने के लिए सादर आभार श्वेता जी!

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  2. ठीक कहा आपने मीना जी, यह उत्तरदायित्व सभी का है । वैसे यह उत्तर कोई गोपनीय तथ्य नहीं । केवल उसे पहचानने एवं समझने की आवश्यकता है । विचारोत्तेजक सृजन के लिए आभार एवं अभिनंदन आपका ।

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    1. आपकी सारगर्भित प्रतिक्रिया पाकर लेखन सार्थक हुआ । हार्दिक आभार जितेन्द्र जी!

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  3. हमारी आसपास इर्द-गिर्द जीवन के कई पड़ाव को जीती। सार्थक व सर्वविदित यथार्थ को स्पष्ट रूप से आप ने रच डाला ।
    बहुत खूबसूरत रचना।
    सादर।

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    1. सृजन आपको अच्छा लगा ..लेखन सार्थक हुआ । हार्दिक आभार सधु चन्द्र जी!

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  4. आपको भी गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनाएं।

    जय हिन्द।🇮🇳

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    1. आपको भी गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनाएं ।
      जय हिन्द !!! जय भारत !!!

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  5. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26-1-21) को "यह गणतंत्र दिवस हमारे कर्तव्यों के नाम"(चर्चा अंक-3958) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा

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  6. चर्चा मंच पर सृजन को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार कामिनी जी!

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  7. सार्थक औऱ सटीक अभिव्यक्ति
    बधाई

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    1. सादर आभार सर 🙏 आपको भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई ।

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  8. बढ़िया अभिव्यक्ति

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    1. हार्दिक आभार सरिता जी!

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  9. देशप्रेम की प्रेरणा से ओतप्रोत यथार्थ पूर्ण संदेश देती रचना के लिए आपको बधाई आदरणीय मीना जी..गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित सादर सप्रेम..जिज्ञासा सिंह..

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    1. सृजन आपको अच्छा लगा ..लेखन सार्थक हुआ । गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित स्नेहिल आभार जिज्ञासा जी!

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  10. आपने गणतंत्र और ऐसे ही राष्ट्रीय पर्वों के प्रति आ रही उदासीनता के बारे में इंगित किया है। आपका अवलोकन बिल्कुल सही है। --ब्रजेंद्रनाथ

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    1. सादर आभार सर 🙏 आपको भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई ।

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  11. बड़ा ही महत्वपूर्ण विषय की ओर आपने ध्यान आकृष्ट किया है। अपने नौनिहालों को को सही शिक्षा देकर शायद हम उनमें भी वही जोश और देशप्रेम का जज्बा पैदा कर उसे बनाए रख सकते हैं। सादर।

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    1. बहुत बहुत आभार वीरेंद्र सिंह जी!आपकी सारगर्भित प्रतिक्रिया से सृजन सार्थक हुआ ।

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  12. प्रिय मीना जी,
    बहुत सुंदर
    सार्थक सृजन
    अनंत शुभकामनाओं सहित,
    डॉ.वर्षा सिंह

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  13. आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया से लेखन सार्थक हुआ, हृदय से असीम आभार प्रिय वर्षा जी!

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    1. सुस्वागतम् प्रिय मीना जी 🙏

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  14. कर्तव्य बोध करती रचना

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  15. बहुत बहुत आभार आलोक सर!

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