दुनिया में बहुत से ऐसे पुल हैं जिनको बनाने वाले इंजीनियरों की तारीफ़ सभी करते हैं ।उनकी खूबसूरती और मज़बूती की
चर्चाएँ भी अक्सर हुआ करती है । गोल्डन गेट ब्रिज, सनफ्रांसिस्को, यूनाइटेड स्टेट्स , टॉवर ब्रिज, लंदन, इंग्लैंड और सिडनी
हार्बर ब्रिज, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया ऐसे ही विश्व प्रसिद्ध पुलों के उदाहरण हैं ।
भारत में भी एक ऐसा ब्रिज है जो अपने आप में अद्भुत है इस पुल की खास बात ये है कि यह पेड़ की जड़ों बना हुआ है ।
यह पुल पेड़ों की जिंदा जड़ों से धागे की तरह बुनकर बनाया
गया है । मेघालय की खासी और जयंतिया जनजाति के लोगों
को यह कला सदियों से अपने पूर्वजों द्वारा विरासत में मिलती
चली आ रही है ।चेरापूंजी में इन्हीं लोगों द्वारा बनाये गये
डबल डेकर पुल को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी
घोषित किया हुआ है ।
कहते हैं ये पुल रबर के पेड़ की जड़ों से बनते हैं
एक पुल को सही आकार देने में दस से पन्द्रह साल तक
लग जाते हैं ।ये पुल घने जंगलों में नदियों के ऊपर आवाजाही
के लिए बनाए जाते हैं ।खासी-जयंतिया जनजाति के वंशज
अपनी प्राचीन कला कौशल को संरक्षित रखने के साथ-साथ सीमित संसाधनों में आत्मनिर्भर जीवन यापन का अनूठा
आदर्श प्रस्तुत करते हैं ।
विटप सेतु ~
वैश्विक धरोहर
मेघालय में ।
महत्वपूर्ण जानकारी दी है आपने मीना जी, इस अदभुत सृजन के बारे में मैं नहीं जानती थी। भारत में ही इतनी अनमोल कृति है जिसके बारे में हम नहीं जानते लेकिन विदेशो की जानकारी जरुर रखते हैं। ऐसे अनमोल कृति से अवगत करवाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपको 🙏
ReplyDeleteआपकी स्नेहिल उपस्थिति से उत्साह द्विगुणित हुआ।हार्दिक आभार कामिनी जी !
Deleteसादर स्नेहिल वन्दे 🙏
ऐसी अनमोल जानकारी देने के लिए आप साधुवाद की पात्र हैं मीना जी।
ReplyDeleteसादर नमस्कार जितेंद्र जी ! आपकी उत्साहवर्धन करती सराहना हेतु हार्दिक आभार 🙏
Deleteअद्भुत पुल
ReplyDeleteहै जानकारी युक्त
सुंदर लेख ।
नई जानकारी देने के लिए आभार ।
स्नेहमयी दी !
ReplyDeleteउत्साह संवर्द्धक
आपका आना ।
हार्दिक आभार 🙏 सस्नेह सादर वन्दे 🙏
महत्वपूर्ण जानकारी के साथ बहुत ही सुन्दर हाइबन।
ReplyDeleteवाह!!!
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (3-7-22) को "प्रेम और तर्क"( चर्चा अंक 4479) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
चर्चा मंच की चर्चा में में सृजन को सम्मिलित करने के हृदयतल से आभार कामिनी जी !
Deleteसस्नेह सादर वन्दे 🙏
महत्वपूर्ण जानकारी
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ . ओंकार सर 🙏
Deleteप्रकृति का सुंदरतम उपहार । खासी जयंतियां जनजाति का कोटि कोटि आभार इतनी सुंदर कला को विकसित करने के लिए । मीना जी आपका बहुत आभार हम तक ये अनमोल जानकारी पहुंचाने के लिए ।
ReplyDeleteउत्साहवर्धन करती सराहना हेतु हार्दिक आभार जिज्ञासा जी ! सादर सस्नेह वन्दे !
Deleteमहत्वपूर्ण जानकारी।
ReplyDeleteउत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार ज्योति जी!
Deleteसादर सस्नेह वन्दे !
आपकी लिखी रचना सोमवार 4 जुलाई 2022 को
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को साझा करने के लिए हृदयतल से हार्दिक आभार आ . दीदी ! सादर वन्दे!
Deleteवाह ये तो बहुत सारगर्भित जानकारी है !!धन्यवाद आपका इसे साझा करने हेतु !!
ReplyDeleteउत्साहवर्धन करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार अनुपमा जी ! सादर सस्नेह वन्दे !
ReplyDeleteबहुत सुंदर जानकारी साथ सराहनीय हाइबन।
ReplyDeleteसादर
उत्साहवर्धन करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार अनीता जी ! सस्नेह वन्दे !
Deleteरोचक जानकारी धन्यवाद
ReplyDeleteउत्साहवर्धन करती सराहना के लिए हार्दिक आभार रंजू जी ! सादर सस्नेह वन्दे !
Deleteअद्भुत एवं रोचक विषय वस्तु.
ReplyDeleteउत्साहवर्धन करती सराहना हेतु सादर आभार 🙏
ReplyDeleteiss pull ko dekhna ka sowbhagya hume nai mila :(
ReplyDeletelandslide ke wajah se road bandh tha :(
pichle mahine - may mahine mei gaye the
Kai baar aise awasr haath se nikal jaate hain. Aapka aana aur dil ki baat saajha karna bahut achcha laga . Thanks a lot .
ReplyDeleteप्रकृति के अनूठे स्वरूप अंचभित कर जाते हैं।
ReplyDeleteरोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी साझा करने के लिए आभार दी।
प्रणाम दी
सादर।
उत्साहवर्धन करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार श्वेता जी ! सस्नेह सादर वन्दे!
ReplyDeleteबहुत सुंदर जानकारी
ReplyDeleteउत्साहवर्धन करती सराहना के लिए हार्दिक आभार अनुज ।
Deleteबहुत सुंदर एवं सारगर्भित जानकारी के साथ लाजवाब हाइबन।
ReplyDeleteउत्साहवर्धन करती सराहना के लिए हार्दिक आभार सुधा जी ! सादर सस्नेह वन्दे!
Deleteबहुत सुंदर जानकारी देती पोस्ट।
ReplyDeleteसच सुदूर अंचलों में, अपने जीवन को सहजता से चलाने के लिए ऐसे कितने अद्भुत कार्यों को अंजाम दिया जाता है ये हमारी सोच से भी परे है और आश्चर्यजनक भी।
बहुत सुंदर पोस्ट।
पोस्ट आपको अच्छी लगी , सृजन सार्थक हुआ कुसुम जी ! हार्दिक आभार । सस्नेह सादर वन्दे !
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी साँझा करने के लिए अभिनन्दन !
ReplyDeleteउत्साहवर्धन करती सराहना के लिए सादर आभार तरुण जी ।
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