स्कूल से घर आते बच्चों के हर्षोल्लास में डूबे
स्वर-"आज से ग्राउण्ड में जाना है “26 जनवरी" की तैयारी
के लिए"...उनका यह उद्घोष घर के बाकी सदस्यों को भी
जोश और उमंग भरे उनके
स्कूली दिनों की याद दिला दिया करता था । बच्चों के
साथ वे भी अपने बालमन की स्मृतियों में डूब जाते ।
और फिर आता वह चिरप्रतीक्षित दिन - "26 जनवरी"
मुँह अंधेरे अपनी अपनी स्कूलों की तरफ लकदक करती
यूनिफॉर्म पहने भागते बच्चे उनके साथ पूरी सज-धज
के साथ अध्यापक-अध्यापिका वृन्द , रंग-बिरंगे परिधानों
से सजे लोगों की भीड़ भोर से पहले
ही गलियों को गुलज़ार कर देती । सभी का एक ही
लक्ष्य - समय रहते उस बड़े से ग्राउण्ड में एकत्रित होना जहाँ गणतन्त्र दिवस के आयोजन को सम्पन्न होना है।
लाउडस्पीकरों पर बजते पुरानी फिल्मों के देशभक्ति गीत --
(1) मेरे देश की धरती………,
(2) अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन
आज़ाद है …………,
(3) ए मेरे वतन के लोगों………….,
ओस भरी सर्दियों में जोश और ओज बढ़ा कर रक्त
संचार तीव्र कर देते थे । एक ही ग्राउण्ड पर पहले एक छात्रा
और फिर एक माँ के रूप में जिसका बच्चा भी उसी जगह
छात्र के रूप में सहभागी बने तो मेरे जैसी मांओं के गर्व का
भाव द्विगुणित हो जाना तो बनता ही था। बैण्ड की मधुर
स्वर लहरियों पर ध्वजारोहण पर बजता राष्ट्रगान,
परेड करते एन.सी.सी.कैडेट्स ..,स्कूली बच्चे..और विभिन्न
रंगारंग कार्यक्रम जिनकी प्रतीक्षा सबको साल भर रहती ..
उत्सव के समापन के साथ मंत्रमुग्ध
करती छवियां आँखों में भरे भीड़ मानो अगले वर्ष की सर्दियों
तक उन्हीं पलों के लिए प्रतीक्षारत रहती ।
बदलते समय के साथ जाने क्यों शिक्षा के
उर्ध्वमुखी समाज में जीते हम लोग कई बार स्वतन्त्रता दिवस
और गणतन्त्र दिवस में भेद करना भूल जाते हैं । बीस वर्ष पूर्व
क्या बच्चे और क्या बड़े ? साक्षर हो या निरक्षर हर व्यक्ति को जुबानी याद था--
स्वतन्त्रता दिवस --"देश को आजादी मिली थी
इस दिन, अंग्रेज भारत छोड़ कर अपने देश चले गये थे ।”
गणतन्त्र दिवस --"ये भी नही पता..,इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था ।”
और संविधान ?
संविधान--"लिखित और अलिखित परम्पराओं और कानूनों
का वह संकलन, जिससे किसी भी देश का राज-काज
(शासन) चलता हो ।”
हम सब इस बार हमारा 72 वां गणतन्त्र
दिवस मना रहे हैं बड़े हर्ष और गर्व का विषय है यह हमारे
लिए मगर एक सवाल उठता है मन में कि क्या अब भी
पुराने लोगों की तरह जोश और जुनून के साथ हमारे
नौनिहालों में हमारे राष्ट्रीय पर्वो के लिए उत्सुकता का भाव है ? अगर नही में उत्तर मिलता है तो कारण खोजने के साथ समस्या
का समाधान खोजने का उत्तरदायित्व भी हम सबका है ।
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आप सबको गणतन्त्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 🙏🌹🙏
जय हिन्द !!! जय भारत !!!
【चित्र-गूगल से साभार】